छू मुझे छू येशु मुझे छू
मेरी जाॅं को, मेरी रूह को, मेरे बदन को छू
छू मुझे छू येशु मुझे छू
मिठी को कुम्हार जैसे हाथों से अपने सवाॅंसे
यूॅं ही कलामे खुदावंद गूंदे हमें और निखारे
धो, मुझे धो, येशु मुझे धो
मेरी जाॅं को, मेरी रूह को, मेरे बदन को छू
जीवन की ज्योति जला यू जैसे जले जोत तेरी
सोचें हों मेरी भी ऐसी, जैसे हें सोच तेरी
भर मुझे भर, येशु मुझे भर
मेरी जाॅं को, मेरी रूह को, मेरे बदन को छू
आलूदगीं जाॅं जिस्म की रूह की तू दूर कर दे
खौफ-ए-यहोवा हो कामिल पाकीज़गी से तू भर दे
भर मुझे भर, येशु मुझे भर
मेरी जाॅं को, मेरी रूह को, मेरे बदन को छू